जशपुरान्चल
Saturday 27 April 2024 02:04 AM


Breaking News
गौ मांस तस्कर के शातिर व अन्तिम अपराधी को पुलिस ने किया गिरफ्तार    |    बिजली की बदहाल व्यवस्था को लेकर ग्रामीण महिलाओं ने बिजली कार्यालय का किया घेराव    |    मुंबई के रिहायशी इलाके में क्रैश हुआ एक चार्टर्ड प्लेन, 5 लोगों की मौत    |    कोतबा पुलिस चौकी ने गांजा तत्स्करी कर ओडिसा ले जा रहे कार को पकड़ा ।    |    BIG BREKING: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन का दुखद निधन    |    देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन    |    ब्रेकिंग : भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस जैश के आतंकी कैंपों को किया ध्वस्त: सूत्र    |    देश सहित राज्य के सभी जिला व क्षेत्रीय अस्पताल अलर्ट पर हैं ,पर इस पंचायत की स्वास्थ्य व्यवस्था की कोई सूद लेने वाला नहीं लटक रहा टाला    |   

दशहरा के दिन होती है शमी की पूजा : जाने क्या है महत्व, क्यों कि जाती है पूजा?


दशहरा के दिन होती है शमी की पूजा : जाने क्या है महत्व, क्यों कि जाती है पूजा?
दशहरा के दिन होती है शमी की पूजा : जाने क्या है महत्व, क्यों कि जाती है पूजा?
19-10-18 01:55:10         sourabh tripathi


◆वीरता का प्रतीक है शमी पूजन जब अर्जुन ने अपने गांडीव को रखा था ???

पत्थलगांव । दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है इस अवसर पर कई मान्यताएं हैं जहां इस दिन नवरात्रि के अंत पर रावण दहन किया जाता है तो साथ ही शस्त्र पूजा के साथ हिंदू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधों का जिक्र है जिनकी पूजा करने से हमें विशेष फल की प्राप्ति होती हैं जिसका नाम है शमी ......

वाराणसी के प्रख्यात विद्वान डॉ भानुप्रताप मिश्र जी ने बताया कि इन वृक्षों में तुलसी, नीम, बरगद प्रमुख हैं. इन्ही पेड़ पौधों में शमी के पेड़ का भी एक विशेष महत्व है जिसकी दशहरे के दिन पूजा का विशेष महत्व है शमी का पौधा अपने घर में लगाने से हमेशा घर में सुख शान्ति बनी रहती है एवं सारी बाधाएं भी दूर होती है हिन्दू धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि इसकी पूजा करने से सभी देवी देवताओं की परिवार पर कृपा बनी रहती है  भगवान शिव से लेकर शनि और गणेश तक सभी को यह बहुत प्रिय है. इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव के श्रृंगार में इसकी पत्तियों का अलग ही महत्व है जिसकी एक पत्ती भगवान भोलेशंकर पर चढ़ाने से सवा लाख बेल पत्ती का लाभ मिलता है । हिन्दू धर्म में शनि को न्याय का देवता कहा जाता जिससे माना जाता है व्यक्ति के समस्त अच्छे बुरे कार्यों का फल भगवान शनि ही देते हैं इस वजह से शमी पौधे को शौर्य और वीरता का प्रतीक माना जाता है वहीं इसके दुर्लभ पुष्प भी पूजन में विशेष लाभकारी हैं ।

 

दशहरे में शमी का पूजन लाभकारी---

दशहरे पर शमी के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्र में भी शमी के वृक्ष की पत्तियों से पूजन करने का महत्व बताया गया है। नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन शाम के समय वृक्ष का पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के वृक्ष के सम्मुख अपनी विजय के लिए प्रार्थना की थी जिससे यह वीरता का प्रतीक माना जाता है ।।

माना जाता है कि महाभारत काल में भी अपने 12 वर्ष के वनवास के बाद अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपने सभी अस्त्र शस्त्र इसी पेड़ पर छुपाये थे  जिसमें अर्जुन का प्रमुख अस्त्र गांडीव धनुष भी था। जिसकव बाद कुरुक्षेत्र में कौरवों के साथ युद्ध के लिये जाने से पहले भी पांडवों ने शमी के वृक्ष की पूजा की थी और उससे शक्ति और विजय प्राप्ति की कामना की थी। तब से यह माना जाने लगा है कि जो भी इस वृक्ष कि पूजा करता है उसे शक्ति और विजय प्राप्त होती है। 

 

जिसका एक श्लोक है 

शमी शमयते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी । अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी ॥ 

करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया । तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता ॥ 

अर्थात "हे शमी, आप पापों का क्षय करने वाले और दुश्मनों को पराजित करने वाले हैं। आप अर्जुन का धनुष धारण करने वाले हैं और श्री राम को प्रिय हैं। जिस तरह श्री राम ने आपकी पूजा की मैं भी करता हूँ। मेरी विजय के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं से दूर कर के उसे सुखमय बना दीजिये ।।





ताजा ख़बरें










जिला मुख्यालय जशपुर में विधायक गोमती साय ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली

जशपुर।  गणतंत्र दिवस के मुख्य समरोह मे मुख्य अतिथि गोमती...