जशपुरान्चल
Saturday 27 April 2024 05:04 AM


Breaking News
गौ मांस तस्कर के शातिर व अन्तिम अपराधी को पुलिस ने किया गिरफ्तार    |    बिजली की बदहाल व्यवस्था को लेकर ग्रामीण महिलाओं ने बिजली कार्यालय का किया घेराव    |    मुंबई के रिहायशी इलाके में क्रैश हुआ एक चार्टर्ड प्लेन, 5 लोगों की मौत    |    कोतबा पुलिस चौकी ने गांजा तत्स्करी कर ओडिसा ले जा रहे कार को पकड़ा ।    |    BIG BREKING: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन का दुखद निधन    |    देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन    |    ब्रेकिंग : भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस जैश के आतंकी कैंपों को किया ध्वस्त: सूत्र    |    देश सहित राज्य के सभी जिला व क्षेत्रीय अस्पताल अलर्ट पर हैं ,पर इस पंचायत की स्वास्थ्य व्यवस्था की कोई सूद लेने वाला नहीं लटक रहा टाला    |   

इंसानियत से दूर होता जा रहा है इंसान: अतुल मलिकराम, फाउंडर, PR 24x7


इंसानियत से दूर होता जा रहा है इंसान: अतुल मलिकराम, फाउंडर, PR 24x7
इंसानियत से दूर होता जा रहा है इंसान: अतुल मलिकराम, फाउंडर, PR 24x7
28-02-22 07:26:02         sourabh tripathi




बदलते वक्त के साथ इंसान भी बदल सा गया है। जैसे जैसे देश दुनिया आधुनिकता अपना रही है, वैसे वैसे इंसान अन्य प्राणियों और स्वयं इंसान से दूर होता जा रहा है। इंसान की सोच कुछ यूं हो चली है कि जो मैं कर रहा हूँ, बस वही सही है। अन्य इंसान में वह कमी ही आंकता है। आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ। लेकिन इस बात पर आप स्वयं एक बार विचार करेंगे तो जानेंगे कि यह कड़वा है, लेकिन सच है। नई पीढ़ी के लोग खुद में सिमट से गए हैं, जो सिर्फ स्वयं के बारे में सोचने पर विवश हो चले हैं। वहीं दूसरी ओर, यदि विश्वास की बात करें तो इंसान की सोच यहाँ आकर पूरी तरह उलट जाती है। अंजान इंसान पर विश्वास करने को इंसान मजबूर है, लेकिन अपने रिश्तेदार या मित्र पर भरोसा करने से पहले वह सौ बार सोचता है। हैरत की बात है कि उसने मजबूरी का तानाबाना इस कदर बुन रखा है कि अपनों के साथ रहने के बाद भी वह उनसे मीलों दूर है। 


इसे हम एक अजीब लेकिन चकित कर देने वाले उदाहरण से समझते हैं। जब भी कोई सेलिब्रिटी किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करता है, तो लोग इसे खरीदने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं। लेकिन जब हमारा कोई रिश्तेदार या दोस्त नया बिजनेस स्टार्ट करता है, तो उसके प्रोडक्ट या सर्विस लेने में हम न जाने कितनी बार सोचते हैं, उस पर रिसर्च करते हैं, उसे जज करते हैं, और आखिर में यह कह कर प्रोडक्ट नहीं लेते कि यह बहुत महंगा है, या इसकी सर्विस अच्छी नहीं है।    


मैं यहाँ एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि जिन लोगों से हम कभी मिले नहीं हैं, जिन्हें हम ठीक से जानते तक नहीं हैं, जो पहले से ही सुख-सुविधाओं से समृद्ध जीवन जी रहे हैं, उन पर हम आँख बंद करके विश्वास कर लेते हैं। इसके विपरीत, हमारे ही समान सादी जिंदगी जीने वाले या यूं कह लें कि हमारे अपनों का ही साथ न देने के लिए हमारे पास लाखों कारण होते हैं। दरअसल ये कारण नहीं हैं, महज बहाने हैं, जी हाँ! सिर्फ बहाने। क्यों हम खुद से नहीं पूछते हैं कि ये हम क्या कर रहे हैं? हम क्यों नहीं समझते हैं कि हम अपनों को ही पीछे की ओर धकेल रहे हैं। हम कैसे किसी अंजान पर अपनों से ज्यादा विश्वास कर सकते हैं? क्यों यह विश्वास हम अपनों के प्रति नहीं बना पाते? अपने दरमियान एक बार जरूर झांके और स्वयं से ये सभी सवाल जरूर करें। 


प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया वोकल फॉर लोकल अभियान इन सवालों के सारे जवाब समाहित किए हुए है। तो क्यों न हम इस पहल को ही बढ़ावा देकर अपनों के लिए कुछ अच्छा करें। जब कोई नया काम शुरू करता है, तो हजारों सपने बुनता है, अपनों से मिला स्नेह काम करने की ललक को दोगुना कर देता है। यही वह समय होता है जब आपका साथ उनकी हिम्मत बढ़ाने का काम करता है, और उन्हें नई ऊंचाइयों को छूने की राह मिलती है। भले ही आपको उस प्रोडक्ट या सर्विस की मौजूदा समय में जरुरत नहीं है, लेकिन आप उसे अन्य लोगों तक पहुंचाकर भी उसे सहयोग कर सकते हैं। इसलिए जब भी आपका कोई रिश्तेदार या मित्र अपने बिजनेस के बारे में पोस्ट करता है, तो उसे लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें। उन्हें और उनके एफर्ट्स को इनकरेज करें, उनकी इस यात्रा का हिस्सा बनें और उन्हें प्रमोट करें





ताजा ख़बरें










जिला मुख्यालय जशपुर में विधायक गोमती साय ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली

जशपुर।  गणतंत्र दिवस के मुख्य समरोह मे मुख्य अतिथि गोमती...